मैं आधुनिक भारतवासी
जूठन बीनता रहा
चढ़े हुए फूल चुनता हुआ
विचारों की उतरन
ओढ़ता-बिछाता,
राह चीन्हता रहा
मैं आधुनिक भारतवासी
जूठन बीनता रहा ।
मैं आधुनिक भारतवासी
जूठन बीनता रहा
चढ़े हुए फूल चुनता हुआ
विचारों की उतरन
ओढ़ता-बिछाता,
राह चीन्हता रहा
मैं आधुनिक भारतवासी
जूठन बीनता रहा ।