जी में आता है कि इस कान में सुराख़ करूँ खींचकर दूसरी जानिब से निकालूँ उसको सारी की सारी निचोडूँ ये रगें साफ़ करूँ भर दूँ रेशम की जलाई हुई भुक्की इसमें कह्कहाती हुई भीड़ में शामिल होकर मैं भी एक बार हँसूँ, खूब हँसूँ, खूब हँसू