Last modified on 29 सितम्बर 2010, at 12:02

कसेड़ी / लीलाधर मंडलोई

Pradeep Jilwane (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:02, 29 सितम्बर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लीलाधर मंडलोई |संग्रह=लिखे में दुक्‍ख / लीलाधर म…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)


पीतल की कसेड़ी की
शान ही कुछ और थी

जो गिरवी पड़ी है अब साहूकार के पास
प्‍लास्टिक की गगरी में
पानी का वजन है

पानी का स्‍वाद अब
बंधक है साहूकार के घर

सिर्फ पानी है जिससे बुझती नहीं प्‍यास