सब कुछ के बावजूद
भूलता जाता हूं
इधर के स्वाद सुख
ढाबे से फेंकी गई
जली रोटियों की सुगन्ध
और कठिन दिनों में
उनका दिव्य स्वाद
इतना अधिक जीवित
जैसे अनश्वर
सब कुछ के बावजूद
भूलता जाता हूं
इधर के स्वाद सुख
ढाबे से फेंकी गई
जली रोटियों की सुगन्ध
और कठिन दिनों में
उनका दिव्य स्वाद
इतना अधिक जीवित
जैसे अनश्वर