Last modified on 15 अक्टूबर 2010, at 20:16

धरती / ओम पुरोहित ‘कागद’

Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:16, 15 अक्टूबर 2010 का अवतरण

धरती !
तूं कदै’ई करती
सिणगार
बेसुमार :
कूमटै
खैजड़ी
बोअटी ऊपर होंवता
हरिया काच्चा पत्ता
जाणै कचनार !
थारी निजरां सामीं
होयो है अनाचार
बता !
कुण राखस री बकरी
चरगी
थारो हरियल संसार ?