चढ़कर मेरे जीवन रथ पर,प्रलय चल रहा अपने पथ पर मैंने निज दुर्बल पद बल पर उससे हारी होड़ लगाई आह वेदना मिली विदाई... कविता कोश में जयशंकर प्रसाद