Last modified on 27 अक्टूबर 2010, at 23:11

यह हमारा देश भारत / केदारनाथ अग्रवाल

Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:11, 27 अक्टूबर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=केदारनाथ अग्रवाल |संग्रह=कुहकी कोयल खड़े पेड़ …)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

यह हमारा देश भारत
हम ममाखियों के शहद के छत्ते का देश है

लगन से
लव से
हम ममाखियों ने इस मधु-कोष को बनाया है
हम ममाखियों के इस कोष में
फौलाद के फूलों से निकाला हुआ मधु भरा है
वह फूल आग के वृंत पर
कारखानों में हमने खिलाए हैं
जो न मुरझे हैं-
न मुरझायेगें।

मोम का नहीं-
यह हम ममाखियों के मनोबल का छत्ता
राष्ट्र के न टूटने वाले प्रांतों का छत्ता है

अखंड एकता का यह छत्ता
हम ममाखियों की सत्ता का छत्ता है।

हमारी सत्ता अजेय है
हमारा छत्ता
यह हमारा देश-
हमारी सत्ता से भी अधिक अजेय है

इसका शहद
हम ममाखियों के लिए है
यह हमारा शहद है
इस शहद को
न कोई और निकाल सकता है
न कोई और चुरा सकता है-
सिवाय हमारे
कोई दूसरा और
इस शहद का अधिकारी नहीं है

रचनाकाल: ०४-०५-१९६५