पिछली बरसात में
रोया
मेरा घर
छत को
आंख बना ।
अबके
आंधी में
उड़ गई
छप्पर की पगड़ी।
दीवारें
जर्जर
पर
कितनी है तगड़ी ।
पिछली बरसात में
रोया
मेरा घर
छत को
आंख बना ।
अबके
आंधी में
उड़ गई
छप्पर की पगड़ी।
दीवारें
जर्जर
पर
कितनी है तगड़ी ।