Last modified on 1 नवम्बर 2010, at 12:24

आत्मिक प्रकाश / केदारनाथ अग्रवाल

Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:24, 1 नवम्बर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=केदारनाथ अग्रवाल |संग्रह=कुहकी कोयल खड़े पेड़ …)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

प्रकाश
और प्रकाश
सुबह से शाम तक
और
प्रकाश
सूरज का दिया
जहान को मिला
मगर आत्मिक प्रकाश
इंसान को मिला
जो न सूर्य को मिला
न चाँद को मिला
न आग को
आदमी ने इसे तब
अतीत को दिया
भविष्य को दिया
वर्तमान को दिया

रचनाकाल: ११-११-१९६७