Last modified on 2 नवम्बर 2010, at 12:17

बिटिया / इवान बूनिन

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:17, 2 नवम्बर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKAnooditRachna |रचनाकार=इवान बूनिन |संग्रह=चमकदार आसमानी आभा / इवान ब…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: इवान बूनिन  » संग्रह: चमकदार आसमानी आभा
»  बिटिया

बार-बार मुझे सपना यह आता है
मेरे भी बिटिया है एक
जिसके विवाह का इन्तज़ार डराता है
नर्म हॄदय है, स्नेह की मन में
भावना है नेक

आख़िर को वह वधू बनी
और फिर उसे सजाया गया
भाव-विह्वल हो प्यार से मैं
स्नेह-नदी में बह गया
दुल्हन के नवरूप में उसे जब
मेरे पास लाया गया
अपनी सुन्दर बिटिया को मैं
देखता ही रह गया

घूँघट हटा उसके चेहरे से
मैंने देखा उसे एक बार
वह क्षण ऐसा था कि उसे देख
मन भारी हो गया
चेहरे पर उसके लाजभरी चमक थी
आँखों में था प्यार
पर मैं सफ़ेद पड़ गया था,

(02 जुलाई 1916)

मूल रूसी भाषा से अनुवाद : अनिल जनविजय