बारणां में खिल्याया छै
घणकरा गुलाब/ राता- धौळा- पैळा
एक एक डाळ पे तीन तीन
कोय पे तो ईं सूँ भी बद’र.......
म्हूँ खाद पटकूँ छूँ क्यारी में
हाथाँ में खुरपी ले’र
खुरपूँ छूँ माटी
अर गाबा पे लागी माटी झटकारबा सूँ प्हैली
चूळू भर सौरम को
पी लूँ छूँ बसंत।