मेरी बेटी
जमा करती है आवाज़ें
और बनाती है
एक तुतलाता, लडख़ड़ाता-सा शब्द।
शब्द देर तक भटकता है
अर्थ की बेमानी तलाश में
और फिर बिखर जाता है
आवाज में।
मेरी बेटी
जमा करती है आवाज़ें
और बनाती है
एक तुतलाता, लडख़ड़ाता-सा शब्द।
शब्द देर तक भटकता है
अर्थ की बेमानी तलाश में
और फिर बिखर जाता है
आवाज में।