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बै / सांवर दइया

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बै आभै में उड़ै
मैली आंख सूं करै
ऊजळी धरती रो मुआयनो

धरती माथै आवै
बांदरां नै बांटै बै
धारदार उस्तरा

बांदरां एक दूजै रो
नाक-कान-गळो
बाढण री तक सोधै
जठै तांई पूगै हाथ
घाव करै

धरती हुवै
मिनखां रै रगत सूं लाल
पण बै मुळकै, मजा करै
दाखां रो दारू उडावै
असली घी में रध्योड़ा मुर्गा खावै
काची-कंवळी कोरी
सांसां रै समंदर में गोता लगावै

बांरा बादरां फिर-फिर उत्पात मचावै
बै हरख-उच्छब मनावै !