Last modified on 26 नवम्बर 2010, at 04:11

…देखो / सांवर दइया

Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 04:11, 26 नवम्बर 2010 का अवतरण

सूरज नै पजावण रो ढंग देखो !
रात सूती नागी-तडंग देखो !

पैली तो ओलै-छानै लड़ता म्है,
अब सड़कां माथै हुवै जंग देखो !

डुसकां सागै आया आंसू बारै,
मन-दुख री बात चढगी चंग देखो !

घराळा छोड मुलक ढूकै आंगणै,
दिल कितो दरियाव कित्तो तंग देखो !

आंधी नित निंदरावै खेतड़ला,
पण ऊगै औ बीज दबंग देखो !