बातां करो हो
जुग धरम री
पण कद हो
साबतो सतजुग ?
अर अब कठै है ?
सौ पीसा कळजुग
झूठ-सांच री लड़ाई तो
धुर सूं चालती आई है
अर चालती ई रैवैली ।
बातां करो हो
जुग धरम री
पण कद हो
साबतो सतजुग ?
अर अब कठै है ?
सौ पीसा कळजुग
झूठ-सांच री लड़ाई तो
धुर सूं चालती आई है
अर चालती ई रैवैली ।