Last modified on 27 नवम्बर 2010, at 16:51

आसाढ / सांवर दइया

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:51, 27 नवम्बर 2010 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

खीरा उछालतो आयो असाढ !
लूवां री गांठड़ी लायो असाढ !

धोरां-धोरां बादळियां लारै,
भटकतो फिरै तिरसायो असाढ !

ताम्बै वरणी हुयगी चामड़ी,
बस पसेवो ई कमायो असाढ !

सांय-सांय, सांय-सांय, सांय-सांय,
सड़कां माथै तरणायो असाढ !

रमता दीसै कोनी टाबरिया,
गळी-गळी फूंफायो असाढ !