एक बगत हो
रामजी रै कैयां सूं
बाली रो बेटो
ऊभो, पग रोप’र
‘दस माथा’ आळै सामो
वो कोनी सरकार सक्यो
अंगद रो पग
चिणसोक।
आज सागी रावण
नवा माथा लगाय’र
ऊभो है आपरो पग रोप’र
अंगद नीं हिलाय पाय रैयो
उणरो पग
जाबक ई।
एक बगत हो
रामजी रै कैयां सूं
बाली रो बेटो
ऊभो, पग रोप’र
‘दस माथा’ आळै सामो
वो कोनी सरकार सक्यो
अंगद रो पग
चिणसोक।
आज सागी रावण
नवा माथा लगाय’र
ऊभो है आपरो पग रोप’र
अंगद नीं हिलाय पाय रैयो
उणरो पग
जाबक ई।