प्रेम में
खुलती है
प्रेम की देह।
देह-भीतर
अन्वेषित होती है
प्रणय अंतःसलिला।
कमल-पुष्पों की सुगंध से
सराबोर होता है
देह का सुकोमल वन।
प्रेम में
खुलती है
प्रेम की देह।
देह-भीतर
अन्वेषित होती है
प्रणय अंतःसलिला।
कमल-पुष्पों की सुगंध से
सराबोर होता है
देह का सुकोमल वन।