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अचपळा बादळ / नरेन्द्र व्यास

सुण रै
डूंगरां माथै भंवता
अचपळा बादळ
इन्नै तो देख
म्हारी आंख्यां में
थन्नै दिख जासी
आखै थार री तिरस
अंतस भीतर पीळा पड़ता
आंख्यां रा कोइयां
थूं तो भूलग्यो स्यात
थांरो इज सिरज्यो
जूनो सिरजण
म्हन्नै तो याद है अजे
हबोळा खांवतै
तिरया-मिरिया समंदर रौ
बो मूंगो गच्च इतिहास !

जे आवै याद
बै घड़ी-पुळ तो थम
थारी ई वियोगण
इण मुरधरा माथै
टळका मेह रै मिस
मेह रा बादळ !