Last modified on 6 मार्च 2018, at 15:16

अचानक / अदनान कफ़ील दरवेश

वो अचानक नहीं आता
बता कर ही आता है

क्योंकि उसे मालूम है
कि मुझे
किसी चीज़ का अचानक होना
कोई ख़ास पसन्द नहीं
 
मुझे
वो सुख
ज़्यादा प्रिय है
जो अपनी
ख़बर पहले भिजवा दे

और दुःख
जो धीरे-धीरे
अन्धकार में उतरते हों

और जब
मैं उससे कहता हूँ —
"..सुनो !
मुझे मृत्यु भी
धीरे-धीरे ही चाहिए.."
तो वो
कई-कई रोज़
मेरे घर नहीं आता
अचानक भी नहीं !

(रचनाकाल: 2016)