अंधेरे कमरे में
जहॉं कुछ भी नहीं सूझता था
यहॉं से वहॉं तक
जलाया मैंने एक छोटा सा दीपक
देखते ही देखते प्रकाश दौड़ा चारों तरफ
खोलता हुआ सबकी ऑंखें।
अंधेरे कमरे में
जहॉं कुछ भी नहीं सूझता था
यहॉं से वहॉं तक
जलाया मैंने एक छोटा सा दीपक
देखते ही देखते प्रकाश दौड़ा चारों तरफ
खोलता हुआ सबकी ऑंखें।