रोज भोरे-भोर
आपनोॅ नया संकल्पोॅ केॅ
फ्रिज में राखी दै छै
आरो सौसें दिन
आँकतेॅ रहै छै
आपना पर के परिवत्र्तन।
थरथरैतें हाथोॅ सेॅ
हर साँझे
फ्रिज खोलै छै
जहाँ ओकरोॅ
पैहिलकोॅ संकल्प
मुरझैलोॅ,लेटलोॅ मिलै छै
आरो वेॅ कारोॅ लागै छै
फेनू सेॅ नया संकल्पोॅ के निर्माण ।