कृत्रिम मोर्चों पर
जूझने के उत्साह
विजयोल्लास
प्रशस्ति अर्जन से अपरास्त
तुम स्वयं
कभी आओ
मेरी टोनही मानसिकता को झाड़ो
मेरा कंठ
आवेश के कारण
रुद्ध है
और सबके साथ-साथ
अपने भी विरुद्ध है।
कृत्रिम मोर्चों पर
जूझने के उत्साह
विजयोल्लास
प्रशस्ति अर्जन से अपरास्त
तुम स्वयं
कभी आओ
मेरी टोनही मानसिकता को झाड़ो
मेरा कंठ
आवेश के कारण
रुद्ध है
और सबके साथ-साथ
अपने भी विरुद्ध है।