Last modified on 22 जनवरी 2016, at 18:36

अबखायी / मोहन सोनी ‘चक्र’

अरथ वास्तै
सबद हेरां मोकळा
अर अबै म्हारै साम्हीं
अबखायी आ है
कै सबद री तो है बोळगत
पण अरथ रो टोटो।