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अर अचाणचक / सांवर दइया

आभै में उडतै
पंछी नै देख
      मुळकूं
      हरखूं
      उच्छब मनावूं

……अर अचाणचक
आकळ-बाकळ हो जावूं

अटकै म्हारी आंख
आड़ लेय ऊभो
पारधी निजर आवै
म्हारी सांस
ऊपर री ऊपर
हेठै री हेठै रह जावै !