कविता ने …
उसकी ओर आखिरी बार
हसरत से देखा
नीम गुलाबी होंठ फडके
आंसुओं से भीगी पलकें
ऊपर उठाईं …
और धीमे से बोली …
आज मैं तेरे घर
ज़िन्दगी की आखिरी हँसी
हँस चली हूँ ….
कविता ने …
उसकी ओर आखिरी बार
हसरत से देखा
नीम गुलाबी होंठ फडके
आंसुओं से भीगी पलकें
ऊपर उठाईं …
और धीमे से बोली …
आज मैं तेरे घर
ज़िन्दगी की आखिरी हँसी
हँस चली हूँ ….