आज विदा! पीड़ा के दिन बीते जाते-कभी प्राण जागेंगे, गाते। याद मुझे भी तब कर लेना प्रियतम! यदा-कदा! टूट जाएँ इस जग के बन्धन-एक रहेगा अन्त:स्पन्दन! स्मृति ही नहीं, बसेंगे मुझ में तेरे प्राण सदा! पर, आज विदा! 1936