Last modified on 21 मार्च 2011, at 13:27

आत्मन्‌ के गाए कुछ गीत (देखना) / प्रकाश

आत्मन्‌ का देखना विचित्र होता था
वह दृश्य को देखता हुआ सुनता-गुनता था
उसकी आँखें नशे से भर जाती थीं
फिर किसी क्षण अचानक
बदहवास चीख़ता हुआ कहता था-
                       वो देखा !!