आत्मबल
(विश्वास भाव का चित्रण)
आत्मगौरव जाति का उत्थान है,
आत्मबल ही देश अक्षय प्राण है।
किन्तु गौरव छोड़ जब मुझको चला,
आत्मबल का तो कहाँ क्यों त्राण है।
(आत्मबल कविता का अंश)
आत्मबल
(विश्वास भाव का चित्रण)
आत्मगौरव जाति का उत्थान है,
आत्मबल ही देश अक्षय प्राण है।
किन्तु गौरव छोड़ जब मुझको चला,
आत्मबल का तो कहाँ क्यों त्राण है।
(आत्मबल कविता का अंश)