Last modified on 23 मई 2009, at 16:15

आत्ममिलन / अमृता प्रीतम

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: अमृता प्रीतम  » संग्रह: चुनी हुई कवितायें
»  आत्ममिलन

मेरी सेज हाजिर है
पर जूते और कमीज की तरह
तू अपना बदन भी उतार दे
उधर मूढ़े पर रख दे
कोई खास बात नहीं
बस अपने अपने देश का रिवाज है……