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आदिम भय / नंदकिशोर आचार्य


हवा का एक झोंका मन्द
दिए की लौ काँपी
और हिल गया
सम्पूर्ण प्रकाश-वृत।

मैं भी जान जाता हूँ
ओ पिता !
है तुम्हीं से उत्क्रान्त
हम में व्याप्त
आदिम भय !