सैक्रीन होठों पर
लगाकर
घूमते हैं हम
करते हैं बात
दिन-रात
फिरते ही पीठ
उगल देता है कैलशियम
हमारा अहम्
कितने आधुनिक हो गए हैं हम ।
सैक्रीन होठों पर
लगाकर
घूमते हैं हम
करते हैं बात
दिन-रात
फिरते ही पीठ
उगल देता है कैलशियम
हमारा अहम्
कितने आधुनिक हो गए हैं हम ।