लोग हैं कि
औरतें बदलते हैं
तलाक-बेतलाक
मुक्ति का प्रयोग स्वधर्म हो गया है
आपद्धर्म न बदलना हो गया है
रचनाकाल: ०६-१०-१९६७
लोग हैं कि
औरतें बदलते हैं
तलाक-बेतलाक
मुक्ति का प्रयोग स्वधर्म हो गया है
आपद्धर्म न बदलना हो गया है
रचनाकाल: ०६-१०-१९६७