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आलस्य / रामधारी सिंह "दिनकर"

मेल बैठता नहीं सदा दर्शन-जीवन का।
कहते हैं, आलस्य बड़ा भारी दुर्गुण है।
किन्तु, आलसी हुए बिना कब सुख मिलता है?
और मोददायिनीं वस्तुएँ सभी व्यर्थ हैं।
फूल और तारे, इनका उपयोग कौन हैं?