आशूआशू
धीरे से कोई बोलाबो हम्मे
खेले के लुक्का-चोरी हमसे
आँखि टुकुर टुकुर ताके अँधियार में
दिल सनामन
घर सनामन
रात सनामन
के चिढाँवे है हम्मे
फिर लगल आँख हमार
हवा मारिस टीन चीखे आधी रीत
आशू आशू
कान बन्द करली, आँख मुनली
फिर से बोलाइली नींद के हम
खोज न हम्मे
लुकान बाटी कौन कहाँ
आशू आशू
घबरान मन हमार कहिन फिर ना
तब के दिन आइल बोलावे हमके
दौराइला हम रात भर चार दीवार के बीच
आइना ताके हैरान से होइके हमके।