Last modified on 7 जून 2014, at 15:55

आश्चर्य / सुशान्त सुप्रिय

आज दिन ने मुझे
बिना घिसे
साबुत छोड़ दिया

मैं अपनी धुरी पर
घूमते हुए
हैरान सोच रहा हूँ

यह कैसे हुआ
यह कैसे हुआ
यह कैसे हुआ