आज दिन ने मुझे
बिना घिसे
साबुत छोड़ दिया
मैं अपनी धुरी पर
घूमते हुए
हैरान सोच रहा हूँ
यह कैसे हुआ
यह कैसे हुआ
यह कैसे हुआ
आज दिन ने मुझे
बिना घिसे
साबुत छोड़ दिया
मैं अपनी धुरी पर
घूमते हुए
हैरान सोच रहा हूँ
यह कैसे हुआ
यह कैसे हुआ
यह कैसे हुआ