मुझे
अपने भविष्य का
कोई डर नहीं है
मेहनत करना जानता हूँ
पेट भरने लायक कमा लूँगा
मुझे नहीं जानना
अपना भविष्य
तू सोच अपनी
क्या करेगा
माँग खाएगा?
कौन डालेगा
महँगा अनाज
तेरी झोली में
इसलिए कहता हूँ
पोथी-पतरा
समेट
चूतिया बनाना छोड़
कुछ काम कर
चल दरांती उठा
घास काट कर लाते हैं
बाजार में बेजेंगे,
चल आर उठा
बैलों को हाँक
खेत जोत
फसल उगाएँगे
उससे दो पैसा कमाएँगे
इसके बाद जिस दिन
तू छोड़ आए अपने घर
अपनी इज्जत वाली जात
तब मिलकर चमड़ा गलाएँगे
और जूते बनाएँगे।