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इठत्तर / प्रमोद कुमार शर्मा

कुण है तूं!
म्हारै सूं इतरी बात करै
-घात करै

अपणायत मांय सबद री
कोई सवाल है आलोचक रो
या उत्पत्ति है
-कुबद री!