Last modified on 15 अक्टूबर 2013, at 11:58

इतियास / अर्जुनदेव चारण

ओ क्यूं होवै मां
थारी जूण रा
पगोतिया चढतौ इतियास
चांणचक
होय जावै पांगळौ
अर
म्हनै लाधै
तालर/झाळां झिलियोड़ौ

म्है कीकर बाचूं
ओ अधूरौ इतियास
इण मांय
थारी जूण तौ है ई कोनी