ट्राट्स्की की पुस्तक ‘रूसी क्रान्ति का इतिहास’ पढ़ते हुए
वे सब जो विजयी होकर लौटे हैं,
ज़िन्दा बचे हैं,
सच्चे हैं, देशभक्त हैं, महापुरुष हैं;
वे सब जो हार गए,
खेत रहे,
झूठे थे, गद्दार थे, दुष्ट थे ।
नीति कहती है:
सत्य की हमेशा जीत होती है
इतिहास कहता है:
जो जीतता है वह सत्य कहा जाता है ।