ईगर सिविरयानिन
जन्म | 16 मई 1887 |
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निधन | 20 दिसम्बर 1941, ताल्लिन, एस्तोनिया |
उपनाम | И́горь Северя́нин |
जन्म स्थान | साँक्त पितिरबूर्ग, रूस |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
भावनाओं के मन्दिर की घण्टियाँ’ और ’केसरी बेला में ओस’ नामक दो काव्य-उपन्यास (1925)। | |
विविध | |
रूसी कविता के ’रूपहले युग’ के एक प्रमुख कवि, जिन्होंने एस्तोनियाई और फ़्रांसीसी भाषाओं से बहुत सारे लेखों और कविताओं का रूसी में अनुवाद किया है। रूसी साहित्य के ’फ़ुतुरीज़्म’ यानी ’भविष्यवाद’ नामक आन्दोलन के एक संस्थापक। शुरू में ’सुई’ और ’छुईमुई’ के नाम से दो साहित्यिक पत्रिकाएँ निकालीं। ’रयूरिक की मृत्यु’, ’नाविका का पराक्रम’ और ’पन्ना (मरकतमणि) नामक जलयान के लिए’ जैसी कविताओं के साथ रूसी साहित्य परिदृश्य में प्रवेश किया। ’भावनाओं के मन्दिर की घण्टियाँ’ और ’केसरी बेला में ओस’ नामक दो काव्य-उपन्यास लिखे। | |
जीवन परिचय | |
ईगर सिविरयानिन / परिचय |