Last modified on 22 फ़रवरी 2019, at 13:51

उजेरा-अन्धेरा / राधेश्याम प्रगल्भ

दिन के उजेरे में
न करो कोई ऐसा काम,
नींद जो न आए तुम्हें
रात के अन्धेरे में ।

और

रात के अन्धेरे में
न करो कोई ऐसा काम
मुँह जो तुम छिपाते फिरो
दिन के उजेरे में ।