सुबह की बर्फ़ में करम तक डूबे
दो कँधों पर गुज़र रहा
लाल वस्त्र में लिपटा एक शव
रास्ता बनाते ख़ेलते कुत्ते
मिट्टी के पात्र में प्राणवान आग
चेहरों पर मृत्यु लिए
जीवन की कामना में शव उठाते लोग
भुरभुरी बर्फ़ पर लेट कर आकृतियाँ बनाते बच्चे
स्नो मैं सजाते सृजनशील युवा
कई गुना मोमबत्तियाँ बेचते दुकानदार
सफ़ेद बर्फ़ पर हँसता हुआ लाल शव
वफादार काले कुत्ते चिकने लोभी दुकानदार
ख़िलखिलाते बच्चे और रमे हुए साहसी लोग
नँगे पैर गुज़रता कोई नेपाली बहादुर
बर्फ़ से उठ रही पृथ्वी की आँच
लगाता फोटो खींच रहा
कोई सुरुचि सम्पन्न पर्यटक
पृथ्वी पर बर्फ़ का उत्सव देखने
पाँचवे दिन स्वयं निकला समदर्शी सूरज
दिसंबर 1990