वन्य पशु हैं
डरते हैं
आग से
डरते हैं वे
हमारी निर्भीक आँखों से
जो झाँकती हैं
सीधे
उनकी आँखों में ।
रचनाकाल : अगस्त 1994
वन्य पशु हैं
डरते हैं
आग से
डरते हैं वे
हमारी निर्भीक आँखों से
जो झाँकती हैं
सीधे
उनकी आँखों में ।
रचनाकाल : अगस्त 1994