गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Last modified on 7 जनवरी 2021, at 19:10
उसका रहना / रघुवीर सहाय
चर्चा
हिन्दी/उर्दू
अंगिका
अवधी
गुजराती
नेपाली
भोजपुरी
मैथिली
राजस्थानी
हरियाणवी
अन्य भाषाएँ
रघुवीर सहाय
»
एक समय था
»
Script
Devanagari
Roman
Gujarati
Gurmukhi
Bangla
Diacritic Roman
IPA
रोज सवेरे
उठकर पाते हो
उसको तुम घर में
इससे
यह मत मान लो
वह हरदम
मौजूद रहेगी I