हवा से नहीं, उससे पूछो :
वह शब्दों से अब तक अदृश्य क्यों रही ?
शब्दों से नहीं, उससे जानो :
वह शब्दों की पकड़ में क्यों नहीं आती ?
मौन से नहीं, उससे पता करो :
उसका ठिकाना आवाज़ों से दूर
कितना दूर और कहाँ है?
हवा से नहीं, उससे पूछो :
वह शब्दों से अब तक अदृश्य क्यों रही ?
शब्दों से नहीं, उससे जानो :
वह शब्दों की पकड़ में क्यों नहीं आती ?
मौन से नहीं, उससे पता करो :
उसका ठिकाना आवाज़ों से दूर
कितना दूर और कहाँ है?