हाथी छोड़ो, घोड़ा छोड़ो
करो ऊँट की सवारी
रेगिस्तानी घोड़ा है यह
अब है इसकी पारी
टांगे लम्बी-लम्बी इसकी
पूँछ बहुत ही छोटी
दो दो कूबड़ पीठ के ऊपर
ज्यों पहाड़ की छोटी
लचक लचक कर चलता है
तब-बजती जाती झांझन
दौड़ लगाता जब बालू में
लगता है मन भावन