एक दवाई / संजीव ठाकुर

एक दवाई ऐसी हो
खाते ही उड़ जाएँ
दूर-दूर से घूम-घाम कर
फिर वापस आ जाएँ।

एक दवाई ऐसी हो
खाकर पढ़ने बैठें
जब भी जैसी होय परीक्षा
ढेरों नंबर ऐठें।

एक दवाई ऐसी हो
खाएँ, हीरो बन जाएँ
मार धड़ा-धड़ दुश्मन को
हीरोइन को घर लाएँ!

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