एक दिन मिटा दिया जाएगा
इतिहास के पन्नों से हमारा नाम
एक दिन ढहा दिए जाएँगे
हमारे ईमानों के घर
एक दिन सच रह जाएगा
विस्मृत पुण्यतिथि की तरह
एक दिन काटा जाएगा
बकरे की तरह हमारा प्यार
एक दिन खूँद दी जाएँगी
घोड़ों की टापों से उठने वाली आवाज़ें
एक दिन लौटाया नहीं जाएगा
हमारे हिस्से का आकाश
एक दिन धर्मांध लोग होंगे
फ़साद की सबसे बड़ी जड़
एक दिन याद नहीं रह जाएगा
फूहड़ गानों के बीच राष्ट्रगान ।