एम के मधु की कविताएं विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं--कथादेश, उद्भावना, वनिता, सरिता, हिंदुस्तान, प्रभात खबर आदि--में प्रकाशित तथा दूरदर्शन से समय-समय पर प्रसारित होती रही हैं। समय के शिलालेख संग्रह के बाद इनका दूसरा कविता संग्रह बुतों के शहर में प्रकाशित हुआ। अन्य विधाओं में पत्रकारिता, रंगमंच तथा सिनेमा से गहरा जुड़ाव है। राष्ट्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड के सदस्य भी रहे।
संप्रति : लोक सूचना पदाधिकारी, बिहार विधान परिषद
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